गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

Valentine Day


❤ प्यार एक ख़ूबसूरत एहसास है इसे हर वो दिल महसूस करता है........ जो प्यार के एहसास से  गुज़रता है।  उसके लिए हर वह पल ख़ास  होता है जब वह अपने प्यार से मिलता है।  उसे उसकी बातें अच्छी लगती हैं...... उसकी मुस्कुराहट अच्छी लगती है़..... उसका हर अंदाज़-ए-बयां उसे अच्छा लगता है और वो उसकी चाहत में पूरी तरह से  डूब चुका होता है।  ......क्या वाक़ई  इतना ख़ास होता है प्यार ?..... हमें  शायद इतना ख़ास   महसूस होता होगा  प्यार। चलो अब बातें प्यार की कर ही रहे हैं तो कुछ अपनी भी बातें जोड़ दूँ  इसमें। 


पता है ?  

मुझे लगता है .....

जब तुम मुस्कुराते हो 

तब कहीं  झरने की  कल-कल  करती 

मधुर-सी आवाज 

यूँ  ही मेरे आसपास बिखर जाती है.....! 

कुछ ऐसा संगीत मेरे रोम-रोम में गूंजने लगता है....!!!   

जिसकी ध्वनि सिर्फ़ मुझे सुनाई पड़ती है 

और मेरा मन यूँँ ही मस्त-मगन 

हर गली हर चौराहे पर  नाचने लगता है ....।.

जानते हो क्यों....? 

क्योंकि शायद मैं प्यार के एहसास में 

सर से पांव तक डूबी हुई हूँ, 

यह प्यार ही तो है 

जो मुझे सजने-संवरने और यूँ  ही 

आईने के सामने खड़े होकर 

ख़ुद  को घंटो तक देखने की मेरी इच्छा को बढ़ाता है ......।

न  चाहते हुए भी 

माथे पर एक छोटी-सी बिंदी लगाने को मजबूर करता है ।   

हाथों में चूड़ियां और ,

छरहरी काया पर  मेरी एक सुंदर-सा 

अनारकली सूट बदल-बदलकर 

पहनने को मजबूर करता है..।

कैसे बताऊँ मन न जाने क्या-क्या सोचता है। 

शायद इसी को कहते हैं प्यार...

पर क्या इसी  प्यार के लिए 

हर एक दिल धड़कता है।

हर पल हर घंटे 

हर ल्मम्हे जीता है।

क्या इस प्यार के लिए सिर्फ एक सप्ताह काफी होता है ।
ना जाने किस पाश्चात्य प्रभाव भी आकर
 प्रेम दिवस के नामकरण करते चले गए

इसे हम किसी समय के परिधि में नहीं बांध सकते हैं .!

इस प्यार को तो यह भी नहीं पता 

कि  हम इंसानों ने 

इसके लिए भी सीमाएं तय कर दीं  हैं...। 

जबकि  प्यार तो अनंत है ।

असीमित है ।

जिसका कोई ओर-छोर नहीं ,

यह तो हर उस दिल में बसता है ।

जहां पर हम किसी के लिए कुछ ख़ास महसूस  करते हैं !          

उसके लिए हर वो बातें सोचते हैं 

जो  उसे अच्छी लगे 

उसकी ख़ुशी के  लिए हर जतन करते हैं..।. 

जब वो गुजरता है गली के कोने से,

तो छत के किसी कोने में खड़े होकर उसे देखते हैं ।

तब तक जब तक की वह नजरों से ओझल ना हो जाए। 

उसकी हर अच्छी-बुरी बातों को 

हम सही मानते हैं ।

और जब वह पास आता है ।

तो अपनी अंगुलियों में 

दुपट्टे का  छोर  घुमाए  बिना 

उसकी ओर देखने  

उसके धड़कनों को सुनने का प्रयास करते हैं ।

शायद यही प्यार है ।   

अनचाहा अनकहा अद्भुत प्यार ...

जो  तुम्हें मुझसे  है .... और  मुझे  तुमसे..... ।

मैं अपने प्यार को एक  सप्ताह में नहीं बांट सकती 

मेरे लिए तो हर वह पल ख़ास  है।

हर वो पल एक उत्सव की तरह है.।

जब तुम मेरे पास से गुजरते हो !  

मुझसे बातें करते हो ,

तुम्हारे होने न होने का एहसास ,

मुझे अंदर ही अंदर बेचैन करता है ।

और तुम्हें देखकर मेरी आंखें भर आती हैं ख़ुशी  से 

मेरे लिए तो ये सारे पल वैलेंटाइन-डे से भी से भी ज़्यादा ख़ास हैं 

क्योंकि प्यार की  सीमाओं की कोई परिधि नहीं होती......। 

# अनीता लागुरी (अनु)

4 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा प्यार हमेशा हर पल प्रतिक्षण की अनुभूति है इसके लिए एक दिन वेलेंटाइन डे पर्याप्त नहीं....
    सुन्दर एहसासों से सजी बहुत ही खूबसूरत रचना
    वाह!!!!

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (14-02-2020) को "प्रेम दिवस की बधाई हो" (चर्चा अंक-3611) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    आँचल पाण्डेय

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  4. वाह बहुत खूब! अनु आपने झरने की कल-कल मधुर स्वर लहरी सी आत्मा को तृप्त करती सुंदर भावों वाली सुंदर रचना लिखी है।
    बधाई।

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