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मंगलवार, 14 नवंबर 2017

तुलना... तुम्हारे पौरूष से...

तुम चार थे,
मैं एक थी.....!
तुम हैवान थे,
मैं मासूम थी...!
तुम बलवान थे,
मैं लाचार थी....!
तुम कायर दरिंदे थे,
मैं निरीह पशु थी...!
वो तुम्हारी जश्न की रात थी,
मेरी ज़िन्दगी  में 
लगी बदनुमा दाग थी...!
       क्यों .....?
तुम पुरुष थे...?
मैं एक स्त्री थी...।
#अनु