गुरुवार, 26 जून 2025

दूर दूर तक

दूर-दूर तक धूल उड़ाती 
 चौड़ी सपाट सड़के,
शांत पड़ी रह गई,
जब बारिश की बूंदों ने असमय 
ही उन्हें भींगो दिया..
यूं लगा उन्हें
मानो धरा को भिंगोने के 
लिए बादलों ने अब डेरा डाल लिया
कच्ची हरी हरी सी 
धूल भरे कण मे लिपटी
कुछ छोटे से जामुन ऊपर आसमान की ओर देख
मन ही मन मुस्करा दिए 
और खुद को तसल्ली देते हुए कहा
लो हमारे भी दिन आ गये 
रंग बदलने को..


4 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. जब बारिश की बूंदों ने असमय
    ही उन्हें भींगो दिया..
    यूं लगा उन्हें
    मानो धरा को भिंगोने के
    लिए बादलों ने अब डेरा डाल लिया

    वाह बेहतरीन पंक्तियां

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छा तो आप को भी याद या गई चिट्ठे की :) लिखना जारी रखो |

    जवाब देंहटाएं

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