चौड़ी सपाट सड़के,
शांत पड़ी रह गई,
जब बारिश की बूंदों ने असमय
ही उन्हें भींगो दिया..
यूं लगा उन्हें
मानो धरा को भिंगोने के
लिए बादलों ने अब डेरा डाल लिया
कच्ची हरी हरी सी
धूल भरे कण मे लिपटी
कुछ छोटे से जामुन ऊपर आसमान की ओर देख
मन ही मन मुस्करा दिए
और खुद को तसल्ली देते हुए कहा
लो हमारे भी दिन आ गये
रंग बदलने को..
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजब बारिश की बूंदों ने असमय
जवाब देंहटाएंही उन्हें भींगो दिया..
यूं लगा उन्हें
मानो धरा को भिंगोने के
लिए बादलों ने अब डेरा डाल लिया
वाह बेहतरीन पंक्तियां
अच्छा तो आप को भी याद या गई चिट्ठे की :) लिखना जारी रखो |
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