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मंगलवार, 21 नवंबर 2017

एक ज़िंदा भारतीय....


क्यों   दिखता  नहीं 
एक  ज़िंदा  भारतीय
क्यों दिखती  नहीं
भूख  से कुलबुलाती
  उसकी  अतड़ियाँ  ..!
उसकी  आशायें ,
उसकी हसरतें  ,
दिखती  कब  हैं 
  जब .....?
 वो  मर  जाता  है  !
      लोगों  की  आँखों  पर 
चढ़   जाता है  ..
           एक  अंजुरीभर  चावल  के  बदले ..!
           घर  बोरों   से  भर   जाता   है ...
           टूटी खाट आँगन  में  सज  ज़ाती है 
          बन  सूर्खियां अख़बारों  की
            बाक़ियों  की जुगाड़ कर जाता है। 
🍂🍁🍂#अनु 


चित्र साभार: गूगल ...

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