बुधवार, 26 जुलाई 2017

कुछ पल

अक्सर हम लोग बहुत कुछ पाने की चाहत में बहुत सारी छोटी-छोटी चीजों से अपना नाता तोड़ देते हैं हमें लगता है कि छोटी चीजें हमारी राह की रुकावटें बनेगी हमें आगे बढ़ने नहीं देंगे इसमें सबसे खास होता है ऐसे कुछ रिश्ते जो बहुत महत्वपूर्ण होते हैं पर जब हम उन्नति की राह में आगे बढ़ते हैं तब इस रिश्ते को दरकिनार कर देते हैं सोचते हैं इसी भीड़ भाड़ में अगर मेरे दोस्त मुझे आवाज लगा दी, मेरे जानने पहचानने वाले क्या सोचेंगे यह पुरानी कुर्ती पहने मेरे पिता ने मुझे अगर  बेटा रुक जाओ कहा तो मेरे जानने-पहचानने वाले लोग मुझे देखकर क्या सोचेंगे। इसके पिताजीहे। यह कुछ हमारी जिंदगी की बहुत बड़ी गलतियां होती है पर हम यह गलतियां करते हैं जान बूझकर करते हैं क्योंकि हम शोहरत पैसे की चाह मे   में भूखे बन जाते हैं अंधे हो जाते हैं कि यह सब बस कुछ दिनों की ही चांदी होती है बाकी बात नहीं सब कुछ अंधेरा ही अंधेरा रहता है इसलिए कभी भी अपने रिश्तो को भूलना नहीं चाहिए उस जमीन को नहीं भूलना चाहिए जहां से चलकर हम शोहरत की ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं।

4 टिप्‍पणियां:

  1. यही होता है जुस्तजू ए जिंदगी में अपने छूट जाते है।
    बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  2. उन्ही संबंधो को हम 'रिश्ता' कहते हैं जिनमे आतंरिक एहसास की गरिमा और भावनाओं के छुअन की महिमा हो.

    जवाब देंहटाएं

रचना पर अपनी प्रतिक्रिया के ज़रिये अपने विचार व्यक्त करने के लिये अपनी टिप्पणी लिखिए।

दूर दूर तक

दूर-दूर तक धूल उड़ाती   चौड़ी सपाट सड़के, शांत पड़ी रह गई, जब बारिश की बूंदों ने असमय  ही उन्हें भींगो दिया.. यूं लगा उन्हें मानो धरा को भिं...