शनिवार, 29 जुलाई 2017

Love isn't a little heart biscut

... ..हर किसी की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आता है जब उसकी जिंदगी किसी की चाहने या न चाहने पर निर्भर हो जाती है ओर उस वक्त इंसान बिखरने लगता है....... और मानसिक अंतर्द्वंद से गुजरता है तो उसकी विचारों और सोचो मैं उसका खुद का कंट्रोल नहीं होता है। वह बिखरा-बिखरा सोचता है और हमेशा बिखरा-बिखरा ही रहता है सोचता है वह बिल्कुल अकेला है। सारी दुनिया में लोगों की भीड़ में भी वह अकेला ही दिखता है !साथ चलते वक्त भी उसके कदम सबसे पीछे होते हैं और वह सिर्फ इसलिए क्योंकि वह सोचता है कि वह किसी के लिए खास था! पर अब वह नहीं है वह चाहता है एक ऐसा इंसान जो उसकी खुशी में खुश हो उसके रोने से उसके आंसू पौछे या उससे पुछे तुमने कुछ खाया या नही ... भूखा हो तो उसे अपने हाथों से खिलायेओर कहे मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं...! लेकिन ऐसा होता नहीं है उसकी सोची सिर्फ उसकी अपनी सोचो तक ही सीमित रहती है! इसी को कहते हैं प्यार....... जब कोई अपने से ज्यादा किसी और के लिए जीता है! और उसे वो नहीं मिलता है तू भीड़ में भी तन्हा अकेला रह जाता है
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जिंदगी में सब कुछ हैप्पी-हैप्पी चलता है पर अचानक life U-turn..... लेती है सब कुछ पल में खत्म हो जाता है यह प्यार यह एहसास बिल्कुल भी अच्छा नहीं है यह बहुत तकलीफ देती है जब दिल टूटता है !
....... ..... प्यार करने वाला इंसान एक प्यार की खातिर सारे रिश्ते को भुला बैठता है और यह भी भूल जाता है कि इस प्यार के अलावा भी उसकी जिंदगी में बाकियों की अहमियत है......... उसके मम्मी पापा दादा दादी भैया छुटकू परिवार के सारे सदस्य जो उससे प्यार करते हैं!!!!! पर वह उन सब के प्यार को एक पराए के प्यार के साथ तोलता है और उस पाराय क प्यार जीत जाता है ।और बाकी सारी फैमिली का प्यार छोटा पड़ जाता है ।जिनके नसीब प्यार आसानी से मिल जाता है।......... वह वाकई बहुत खुशनसीब होते हैं ! जिसको चाहते हैं जिसके साथ रहना चाहते हैं।
...... क्या प्यार हमेशा अनकंडीशनल लवunconditional love होता है क्या इसमें कोई condition नहीं होती है पर ऐसा नहीं ै आपको भी लग रहा रहा होगा कि मैं क्यों इतनी rudly पेश आ रही है उस छोटे से शब्द प्यार के साथ पर सच है i कुछ चीजें अक्सर हितकारी होती है हमारे लिए सबसे अच्छी चीज है आप उन्हें प्यार करो जो आपसे प्यार करते हैं बल्कि उन्हें नहीं जो आपसे दूर जाना चाहते हैं लिखना और भी बहुत कुछ चाहती हूं.... बर first time इतना openly लिख रही हूं आशा करती हूं कि मैंने जो एहसास आप सबके साथ बातें हैं आप उनमें अच्छा feedback देंगे मुझे
. अनु

21 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर लेखन!!💐!!
    उत्तमता व उत्कृष्टता हेतु प्रसाय जारी रखिए!! शुभकामनाएं💐

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  2. प्यार और व्यवहारिक पक्ष !! दोनों नदी के दो तीरों की तरह हैं. प्यार की तुलना नहीं हो सकती. पर ये भी सच है कि जो चला गया, उसे याद करके भी कितना रोयें. आगे क्यों न बढ़ें. आपने अच्छा लिखा है. आप लिखती रहें. मेरी शुभकामनाएं.

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  4. प्यार का दर्शन बड़ा गूढ़ है. आपने बड़े सार्वभौमिक सत्य को कुरेदा है.
    या अनुरागी चित की गति समुझै नहीं कोय
    जों जों दुबे श्याम रंग त्यों त्यों उज्जल होय.
    इसके अलौकिक पक्ष जितने ही धवल हैं , लौकिकता उतनी ही धूमिल. " यस्यामतं मतम तस्य, मतम यस्य न वेद सः!"

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  5. प्यार निस्वार्थ और बिना शर्त ही होता है , और सबको इसलिए नही मिलता कि वो ऐसा चाहते ही नही ,जो चाहते है वो मिल जाता है , जैसे अक्सर लोग सहानुभूति चाहते हैं और बाद में शिकायत करतें हैं प्यार नजी मिला ,प्यार माँगना नही होता है , सिर्फ देना होता है ,मिल तो अपने आप जाएगा , अगर प्यार है तो प्यार अपने आप ढूंढते हुए आएगा ,घर में सब अपनों का प्यार इस प्यार से कम नही पर अलग होता है , प्यार में देना ही होता है तो दुःख नही होना चाहिए , जब प्यार शरीर की सीमाओं से आगे निकल जाए तो दुःख नही होता , जब सीमाओं में रहे तो दुःख का कारन बन सकता है , साथ रहने की चाह और साथ निभाने की चाह में बहुत थोडा सा ही अंतर है , अक्सर नजर नही आता ,जो जाने वाला है जाएगा , जो अपना है वो कहीं भी हो अपना ही रहेगा ,प्रेम उत्सव का कारन होना चाहिए , विषाद का नहीं

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