चित्र: गूगल से
बसंत...!
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परिवर्तन का दौर फिर आया है
प्रकृति में यौवन चढ़ आया है
लहलहाते सरसों के पीले फूलों के बीच
देखो! बसंत फिर से खिलखिलाया है
बाग़ों में आम की डालियाँ झुक गयीं
मंजरियाँ लकदक शृंगार सजा गयीं
यों लगा ज्यों नवयौवना
पैरों में महावर लगाकर पिया मिलन को निकल गयी
चितेरा कागा सुनाये बेसुरा आलाप
कोयल पपीहा बुलबुल लगाये उसे डाँट
फूलों के गुच्छे में सहेजकर ख़त
पाहुन का संदेशा लेकर आये बसंत
जंगलों और खेतों में देख हरियाली
भंवरे गुंजन करते डाली- डाली
मधुमास के गीत सुनाती
कोयल भी कुहू-कुहू की तान जगाती
छोड़कर पतझड़ का रूखापन
धरती ओढ़े नया शगुन
नाच रही है वसुंधरा
देखकर बसंत की हँसी-ठिठोली.
उन्मादी माहौल सजा-संवरा है
कलियों संग मिलने से डरता भँवरा है
नियति-चक्र चलता रहने वाला है
मानव के सोये विवेक को बसंत जगाने वाला है.
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अनीता लागुरी"अनु"
बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद राकेश कौशिक जी आप मेरी ब्लॉग में आएं मुझे बहुत खुशी हुई..।।
हटाएंप्रकृति का श्रृंगार है वसंत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सामयिक रचना
.. बहुत-बहुत आभार कविता जी आप ब्लॉग पर आई अपनी प्रतिक्रिया डाली मुझे बेहद खुशी हुई.. धन्यवाद
हटाएंवाह!बहुत सुंदर सृजन जो मन मोह लेता है. अनूठे बिम्ब और प्रतीकों से सुसज्जित बसंत की छटा बिखेरती उत्कृष्ट रचना. रचना मौलिक विचार उसे उड़ने के लिये विशाल डैने दे देते हैं.
जवाब देंहटाएंलिखते रहिए. बधाई एवं शुभकामनाएँ.
बहुत-बहुत धन्यवाद रविंद्र जी आपकी पारखी नजरों से जब भी कोई कविता गुजरती है.. और तत्पश्चात आपकी प्रतिक्रिया जब सामने आती है तू मानो प्रतीत होता है कविता दोबारा से सृजन के दौर से गुजरी है ... बहुत अच्छा लगता है जब आप अपने अनुभव से कविता में गलतियां या अच्छाइयां सभी बारीकी से समझा देते हैं ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहिएगा आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
हटाएंबसंत तो है ही मनोहर। मोहन की भाँति मन मोहता है किंतु उसकी छटा को पंक्तियों उतारकर आपने इसे और मनमोहक बना दिया। कितनी खूबसूरती से आपने इसके सौंदर्य का वर्णन किया है। वाह! अनुपम,अप्रतिम। सादर प्रणाम 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सरस शृंगार रचना, सुंदर शब्दावली सुंदर संयोजन।
जवाब देंहटाएंअभिनव सृजन।
.. बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इतनी अच्छी प्रतिक्रिया हेतु
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 06 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुंदर चित्रण
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता, मनमोहक चित्रण वसंत का।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बासंती रचना अनु सुंदर बिंबों के प्रयोग ने और भी मनमोहक बन दिया है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और समसामयिक रचना।
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना सखी 👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंवाह....अनु जी बहुत सुंदर भावपूर्ण सृजन ,सादर
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