गुरुवार, 7 नवंबर 2019

पब्लिक बेचारी किधर जाये..!!

झमेले ज़िन्दगी के तमाम बढ़ गये

मार खाये  पुलिस
                                                                                       
वकील न्याय की मांग पर अड़ गये

थोड़ा अटपटा साथ  है ज़रूर मगर

बात पते की कहती हूँ

पुलिस माँगे  सुरक्षा

वकील माँगे न्याय

तो जनाब ये पब्लिक

बेचारी किसके द्वारे जाये?

लगता है सिस्टम की कार्य-प्रणालियाँ

चल पड़ी हैं भस्मासुर की राह पर

ताब-ओ-ताकत की कलई खोलकर

ख़ुद से ही दीमक को न्यौता दे दिया.

 #अनीता लागुरी 'अनु'

                                                                                                        चित्र गूगल से साभार

4 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (०९ -११ -२०१९ ) को "आज सुखद संयोग" (चर्चा अंक-३५१४) पर भी होगी।

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    -अनीता सैनी

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