चित्र गूगल से साभार
एक स्त्री समेटती हैं,
अपने आँचल की गाँठ में,
परिवार की सुख शांति,
और समझौतों से भरी हुई
अंतहीन तालिका.
ख़ुद के उसके दुखों का हिसाब,
उसकी मुस्कुराहटों की पर्चियां,
वो अक्सर ही गायब रहती है।
उसके तैयार किए गए
विवरण पुस्तिका से,
कहने को तो
सिलती है उधड़े हुए कपड़ों को
मगर खुद की उसके बदन में,
चूभोई गईं अनगिनत सुइयों का
दर्द रहस्यमई परतों में दर्ज हो जाता है,
जिसके दरवाजे सिर्फ़ उसकी चाह पर खुलते हैं
एक तमगे की तरह,
दीवाल पर टांग दी जाती है,
पीछे से उसका अतीत,
ठहाके मारते हुए निकल जाता है।
और वर्तमान कहता है उससे
सूख जाएगी तू भी एक दिन
आंगन में मुरझाते इस तुलसी के पौधे की तरह,
अपनी ही किस्मत की लकीरों से
उलझती रहती है तमाम उम्र,
जैसे मोमबत्ती के पिघलने से
बनती है आकृतियां कई
वह भी कई बार अनचाहे बही खातों में,
ख़ुद की दोहरी जिंदगी को,
बदसूरत बना देती है,
अनीता लागुरी"अनु"
सच कहा आपने आदरणीया दीदी जी जीवन का हिसाब किताब एक स्त्री से बेहतर कोई संभाल ही नही सकता क्योंकि यदि कहीं कोई घाटा भी होता है तो वो अपने हिस्से की हर खुशी हर मुसकान लगा देती है और ज़रूरत पड़ने पर खुद को ही झोंक आती है पर मजाल है कि अपनो के आसपास किसी ग़म किसी परेशानी को भटकने दे। पर अपने हर कष्ट को छुपना भी खूब आता है इन्हें।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीया दीदी जी।लाजावाब सृजन 👌
सादर नमन सुप्रभात 🙏
. हां आंचल स्त्री का खुद का जीवन उसके किचन और शयनकक्ष तक ज्यादातर मामलों में सिमट कर रह जाता है कई महिलाओं को जानती हूं, उनसे उनका जो व्यवहार होता है वह बहुत ही शांत,संतुलन, सहनशीलता से भरा हुआ,तो कुछ महिलाएं इनके बिल्कुल विपरीत होती हैं लेकिन फिर भी उन्हें अपनी मर्यादा पता होता है.. आश्चर्य तो तब होता है जब सुबह से उठकर शाम तक या ये कहे आधी रात तक वह लगातार काम करते रहती हैं, फिर भी जब उनसे यह कहो कि मम्मी एक ग्लास पानी ला वो दौड़कर एक गिलास पानी और साथ में पानी का बोतल भी ले आएंगी, उनकी गतिशीलता को देखकर आश्चर्य होता है। #स्त्री भगवान की बहुत ही खूबसूरत सृजनात्मकता है, तुम्हारी प्रतिक्रिया मुझे बहुत ही अच्छी लगी बहुत खुशी होती है जब आपकी पाठक क्या मित्र आपको अपनी प्रतिक्रिया से नवाजते हैं, उस वक्त हमें महसूस होता है कि हां हमने जो लिखा है वह लिखना सफल हुआ हमेशा साथ बनाए रखना धन्यवाद..!!💐🙏
जवाब देंहटाएं.. बहुत ही अच्छी कविता लिखी है तुमने स्त्री जीवन पर आधारित कविताएं हमेशा से मुझे प्रभावित करती रही है।
जवाब देंहटाएंउनके जीवन में दैनिक क्रियाएं चाहे जितनी भी कठिन हो परंतु वो हंसते-हंसते सुगमता पूर्वक सारे काम निपटा लिया करती हैं। चेहरे में एक हल्की मुस्कान लिए हुए.. स्त्री होना भी आसान नहीं है तुम्हारी कविता की सबसे अच्छी विशेषता पता है क्या है तुम जिस विषय पर लिखती हो उस विषय का सारा रस निचोड़ कर उतार देती हो ऐसा नहीं कि यह लिखा वह छूट गया वह लिखा वह छूट गया बहुत ही प्रभावशाली है.. तुम्हारी लेखनी ऐसे ही लिखती रहा करो बहुत आगे जाओगे👌👍💓😍😍😍💯
..बहुत बहुत धन्यवाद दीपी,
हटाएंबेहद खुशी हुई कि आपने अपने विचार रखें..स्त्री जीवन पर कविता8 लिखना कभी आसान नही रहा है, क्योंकि स्त्रियों के व्यवहार में भी बहुत भिन्नता पाई जाती है कुछ स्त्रियां घर को स्वर्ग बना देती है तो कुछ स्त्रियां उसी घर को नर्क भी बना देती है यहां फर्क सिर्फ विचारों का है मैं उन विचारों को लेकर आगे बढ़ी जहां मैंने समर्पण के भाव महसूस किए हैं प्यार स्नेह अपनेपन के भाव उन सब चीजों को मैंने अपनी इस कविता में लिखा है..!
आज मैं बहुत खुश हूं तुम्हारी इतनी अच्छी प्रतिक्रिया देखकर... प्रतिक्रियाएं एक कवि की लेखनी में स्फूर्ति भर देती है,
जिस वजह से नये विचारों का सृजन करने में हमें आसानी होती है..
ऐसे ही कभी-कभी मेरी रचनाओं पर आया करो बहुत हौसला मिलता है और इतनी अच्छी प्रतिक्रिया के लिए दिल से धन्यवाद..!
💐💐🙏
.. जी बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय. मेरी रचना को मान देने के लिए मैं जरूर आऊंगी
जवाब देंहटाएंनारी जीवन में घटित हो रहे प्रत्येक पहलू प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष सभी को आपने बहुत ही सुन्दर ढंग से उकेरा है प्रिय अनु.यही संघर्ष उसे नारित्त्व से नवाज़ते है.ऐसी ही एक रचना मैंने भी लिखी है जरुर पढना.
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेखन हेतु बधाई.
स्नेह शुभकामनाएँ
सादर
कृपया नारित्त्व को नारीयित्व पढ़ें.
जवाब देंहटाएंसधन्यवाद.
नारी के मनोभावों को बहुत खूबसूरती से उकेरा है
जवाब देंहटाएंनारी जीवन पर आधारित कविताएं हमेशा बहुत ही प्रभावशाली होती है...आपकी लेखनी कि यही ख़ास बात है कि आप कि रचना बाँध लेती है.....
जवाब देंहटाएंअपनी ही किस्मत की लकीरों से
जवाब देंहटाएंउलझती रहती है तमाम उम्र,
जैसे मोमबत्ती के पिघलने से
बनती है आकृतियां कई
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
मुझे अपनी माँ की याद आ गई...
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