भावों को शब्दों में अंकित करना और अपना नज़रिया दुनिया के सामने रखना.....अपने लेखन पर दुनिया की प्रतिक्रिया जानना......हाशिये की आवाज़ को केन्द्र में लाना और लोगों को जोड़ना.......आपका स्वागत है अनु की दुनिया में...... Copyright © अनीता लागुरी ( अनु ) All Rights Reserved. Strict No Copy Policy. For Permission contact.
मंगलवार, 8 अक्टूबर 2019
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दूर दूर तक
दूर-दूर तक धूल उड़ाती चौड़ी सपाट सड़के, शांत पड़ी रह गई, जब बारिश की बूंदों ने असमय ही उन्हें भींगो दिया.. यूं लगा उन्हें मानो धरा को भिं...
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अधखुली खिड़की से, धुएं के बादल निकल आए, संग साथ में सोंधी रोटी की ख़ुशबू भी ले आए, सुलगती अंगीठी और अम्...
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तापस! मेरी डायरियों के पन्नों में, रिक्तता शेष नहीं अब, हर सू तेरी बातों का सहरा है..! ...
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दूर-दूर तक धूल उड़ाती चौड़ी सपाट सड़के, शांत पड़ी रह गई, जब बारिश की बूंदों ने असमय ही उन्हें भींगो दिया.. यूं लगा उन्हें मानो धरा को भिं...
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