रविवार, 31 मई 2020

हाँ मैं मजदूर हूँ..।

 कविताएं तो मैंने बहुत लिख ली लेकिन आज प्रयास किया है कि  अपनी कविताओं को अपनी आवाज में आप सबों के सामने प्रस्तुत करो आशा करती हूं आप सबों को मेरा यह प्रयास जरुर पसंद आएगा
 मेरी यह कविता आज मजदूर वर्ग जिस तरह से परेशान और बेहाल है उसके ऊपर लिखी गई है
              # हाँँ मैं मजदूर हूँ..।

4 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक प्रस्तुति।
    तम्बाकू निषेध दिवस की शुभकामनाएँ।

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (06 जून 2020) को 'पर्यावरण बचाइए, बचे रहेंगे आप' (चर्चा अंक 3724) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    *****
    रवीन्द्र सिंह यादव

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  3. अनीता जी आपका प्रयास लाजवाब है... बहुत खूबसूरती से आपने समस्या को उठाया... तेरे झूठे वादों को खोली में फेंक चला हूंं...वाह गजब ल‍िखती हैं आप

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