एक शोर ह्रदय को झंकृत करता,
मौन-मौन मनुहार ........रचाता।
एक दिया मुंडेर पर जलता ,
नज़्म-नज़्म संगीत बजाता।
एक इंतज़ार टिक-टिक सुनाता,
देख के तुमको नंगे पैर धूल लगाता।
एक बादल कभी ज़रा-सा गुस्साता,
हथेलियों में मेरी कुछ बूँदें रख जाता।
एक एहसास तल्ख़ी का तुम्हारा,
आँखों में मेरी आँसू दे जाता।
एक शोर, एक दिया,एक इंतज़ार,
हर पृष्ठ में जीवन का राग उकेरता।
सुन्दर!
जवाब देंहटाएंजी धन्यवाद...!
हटाएंजी धन्यवाद...!
हटाएंकाश,
जवाब देंहटाएंएक बादल कभी ज़रा-सा गुस्साता,
हथेलियों में मेरी कुछ बूँदें रख जाता।
सुंदर पंक्तियां, बधाई...